तुम नफरतों के धरने, क़यामत तक ज़ारी रखो, मैं मोहब्बत से इस्तीफ़ा, मरते दम तक नहीं दूंगी.. Love Shayari / Wednesday, March 8th, 2017 तुम नफरतों के धरने, क़यामत तक ज़ारी रखो, मैं मोहब्बत से इस्तीफ़ा, मरते दम तक नहीं दूंगी.. Please follow and like us: