चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं,
कब दीदार होगा उनसे हम आस लगाए बैठे हैं,
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में,
हम मौत से ये शर्त लगाए बैठे हैं..
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चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं,
कब दीदार होगा उनसे हम आस लगाए बैठे हैं,
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में,
हम मौत से ये शर्त लगाए बैठे हैं..