धूप मायूस लौट जाती है, छत पे किसी बहाने आया कर। कौन कहता है दिल मिलाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर..!! Dosti Shayari / Tuesday, March 7th, 2017 धूप मायूस लौट जाती है, छत पे किसी बहाने आया कर। कौन कहता है दिल मिलाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर..!! Please follow and like us: