मैं क़तरा क़तरा फ़ना हुयी, मे ज़र्रा ज़र्रा बिखर गयी, ऐ ज़िन्दग़ी तुझसे मिलते मिलते, मैं अपने आप से बिछड़ गयी.. Uncategorized / Thursday, February 23rd, 2017 मैं क़तरा क़तरा फ़ना हुयी, मे ज़र्रा ज़र्रा बिखर गयी, ऐ ज़िन्दग़ी तुझसे मिलते मिलते, मैं अपने आप से बिछड़ गयी.. Please follow and like us: