तू तो हँस हँसकर जी रही है, जुदा होकर भी.. कैसे जी पाया होगा वो, जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं.. Bewafa Shayari / Tuesday, January 31st, 2017 तू तो हँस हँसकर जी रही है, जुदा होकर भी.. कैसे जी पाया होगा वो, जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं.. Please follow and like us: