क्या अजीब सी ज़िद है.. हम दोनों की, तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की.. और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की.. Bewafa Shayari / Tuesday, January 31st, 2017 क्या अजीब सी ज़िद है.. हम दोनों की, तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की.. और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की.. Please follow and like us: